कवि अरविन्द राय
बुधवार, 18 सितंबर 2013
मुझसे मिल के गले आज रो लीजिये
मुझसे मिल के गले आज रो लीजिये
क्या पता फिर कभी हम मिले ना मिले.......!!
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..........अरविन्द राय
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