अहिंसा की बाते कर बकरी बनो ना तुम,
शेर की जुबान बोल सिंह बन जाईये
कायरो की भाषा छोड़,बीरों की शरण गह
छत्रपति शिव जी और राणा बन जाईये
मातृभूमि के लिए जो शीश को कटाए,
ऐसे बीर महापुरुषों के बंश बन जाईये
देश को है लूट रहे सारे गाँधीवादी अब ,
हाथ में रिवाल्बर लेकर गोडसे बन जाईये...!
……………………………… अरविन्द राय
शेर की जुबान बोल सिंह बन जाईये
कायरो की भाषा छोड़,बीरों की शरण गह
छत्रपति शिव जी और राणा बन जाईये
मातृभूमि के लिए जो शीश को कटाए,
ऐसे बीर महापुरुषों के बंश बन जाईये
देश को है लूट रहे सारे गाँधीवादी अब ,
हाथ में रिवाल्बर लेकर गोडसे बन जाईये...!
……………………………… अरविन्द राय
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें