रूठे रूठे पिया को मनाऊ कैसे ……
उनके नैनो से नैना मिलाऊं कैसे …!!
रूठे ररूठे पिया …………!!
अखियों में सपना सजन के ही आवे
बहिया पकड मोरी पास तन से लगावे
अखिया खुली सब खो गया सपना
अखिया खुली सब खो गया सपना
बिरह अगनी में तन जल जावे …….
अपने सपने को अपना बनाऊ कैसे ……!!
रूठे रूठे पिया ……. !!
सावन रिमझिम रिमझिम बरशे
प्यासा मन कलियों का हरषे ….
सावन की बारिश में ब्याकुल …
पिया मिलन को तन मन तरसे
पिय मिलन की फुहार में नहाऊ कैसे ……. !!
रूठे रूठे पिया ……!!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें