गुरुवार, 12 जून 2014

जिसको चाहा नही उसका होना पड़ा

 इस तरह से फ़ना मुझको होना पड़ा
लब पे मुस्कान थी दिल को रोना पड़ा
अपनी चाहत को कहना पड़ा अलविदा
जिसको चाहा नही उसका होना पड़ा

--------------------------अरविन्द राय 

दो कदम साथ में चल सको तो कहो

उम्र भर तुम यहाँ जल सको तो कहो
मुफ़लिसी में मेरी पल सको तो कहो
सात जन्मों का मुझसे ना वादा करो
दो कदम साथ में चल सको तो कहो

----------------------------------अरविन्द राय 

मंगलवार, 27 मई 2014


किसी की आँखों में सपने सजाने का ख़याल आया
उन्हें देखा तो उनसे दिल लगाने का ख़याल आया
इबादत मैंने की उनकी जिन्हें रुसवा किया तुमने
बजा जब मंदिर का घंटा मुझे माँ का ख्याल आया

.............................................अरविन्द राय

मंगलवार, 13 मई 2014