बुधवार, 25 मार्च 2015

कोई मीरा किसी मोहन पे मर जाये तो क्या होगा

कभी कोई किसी के दिल में बस जाये तो क्या होगा 
मोहब्बत का दीया सिने में जल जाये तो क्या होगा
मेरी चाहत को मत समझो, मगर इक बार तो सोचो 

कोई  मीरा  किसी  मोहन पे मर जाये तो क्या  होगा...!

किसी की बात में आकर न अपना तुम, उसे कहना 
हकीकत की ज़मी पे ही तुम अपने पावँ को रखना 
यहाँ अक्शर ही मिलते है सभी चेहरे बदल करके 
हकीक़त क्या, नक़ाबे क्या सदा तुम याद ये रखना....!

अगर अपनों की नियत ही बदल जाये तो क्या होगा 
तेरे दर  से  कोई  वापस  चला  जाये तो क्या होगा 
जो रहता  है मेरे सिने  में धड़कन  की तरह बनकर 
वो  सिने  में अगर खंज़र चुभा  जाये  तो क्या होगा...!

मोहब्बत में कभी खुशियाँ कभी आंशु भी पाया है 
कभी हम साथ बहके थे,  कभी तन्हा बिताया है 
बहारों की उम्मीदे क्यों करूँ मै अपने आँगन में  
मेरे हिस्से में तो हर वक़्त बस पतझड़ ही आया है .

दिल किसी की चाहत में बेकरार रहता है 
प्यार का हर एक लम्हा यादगार रहता है 
वो न है ज़माने में, जानते तो है लेकिन 
प्यार करने वालो को इंतज़ार रहता है ...!

पतझड़ का है ज़माना चलना सम्हल सम्हाल के 
अपने भी है पराये मिलना सम्हल सम्हल के 
गुलशन में फूल भी है कांटे भी तो बहुत  है 
माली भी घात में है खिलना सम्हल सम्हल के ..!

दिल्ली की कहानी लोगो की जुबानी

दिल्ली की कहानी लोगो की जुबानी 
सन्नाटा चारो तरफ फैला हुआ  
खामोशी की चादर ओढ़े सारा शहर 
सो रहा है सुकून की नींद और  
लुट रही है कही किसी कोने में 
किसी अबला की इज्ज़त ...
दरिन्दे अपनी हवस की आग में 
लक्ष्मी और दुर्गा के प्रतिबिम्ब
 को कलुषित कर रहे है .......
 जैसे  आज फिर कौरवों का 
साम्राज्य स्थापित हो गया है 
हस्तिनापुर एक बार फिर 
अंधे धृत राष्ट्रों के हाथो की 
कठपुतली बन गया है 
एक बार फिर द्रोपती को 
निर्वस्त्र किया जा रहा है 
पांडव मूकदर्शक बने है 
कृष्ण कब आएगा और 
कब बचेगी द्रोपती की लाज ......
हर नारी कर रही है ये सवाल ....
कब होगा हस्तिनापुर में ...
धर्मराज का राज ........



हिंदी है मेरे दिल की धड़कन, हिंदी मेरी जान है

हिंदी  है मेरे दिल की धड़कन, हिंदी मेरी जान है,
बंदन अर्चन तप है हिंदी, ममता है  अभिमान है,

कबीरा बाणी,सूर की भक्ति तुलसी का श्री राम है 
महदेवी की बिरह ब्यथा है मीरा का घनश्याम है 
पन्त,दिन,अज्ञेय, निराला रहिमन है रसखान है....

हिंदी  है मेरे ..........................................

अनामिका,साकेत,नीरजा,यशोधरा,मानस,निर्झर
प्रेममाधुरी,शंध्यगीत,पदमावत,लहर,आशु,जौहर 
रश्मिरथी,बीणा,परिमल है, पुरवा है  गोदान है.....


हिंदी है  मेरे ...........................................

उनकी यादों के मौसम मेरे पास है चाहे वो पास मेरे रहे ना रहे

उनकी यादों के मौसम मेरे पास है चाहे वो पास मेरे रहे ना रहे 
हम समझते है उनको जरूरत मेरी चाहे वो अपने लब से कहें ना कहें  

चादनी रात में चाँद के साथ में एक तारा चमकता रहा रात भर 
प्रेम पूजा समर्पण है बलिदान है कुछ ना बोला इसी मर्म को जानकर 
 दूर ही   से सही उनको  देखा करें चाहे  तक़दीर में वो रहे न रहे .........! 

रेत  पर नाम लिखना मिटाना तेरा वो मुझे देखकर मुश्कुराना तेरा 
मुझसे मिलने की खातिर कड़ी धूम में मेरे कोठे पे चुपके से आना तेरा 
भूल सकते नही प्यार की वो डगर चाहे मिलना मिलाना रहे ना रहे .......!

एक झोका हवा का मेरे पास आ तेरी खुशबु से मुझको सताने लगा 
मै  अकेला नही साथ तेरा भी है इसका एहसास मुझको कराने लगा 

अपनी चाहत पे रखना भरोसा सदा चाहे मीरा का मोहन रहे न रहे ......!

धरती बाटा, अम्बर बाटा, बाट दिया भगवान को,

धरती  बाटा, अम्बर  बाटा, बाट  दिया  भगवान को,
कुछ तो रहम करो अब हमपर मत बाटो इंसान को.....

रिश्तो की कीमत को समझो यूँ ना इसे बरबाद करो 
अपनी  आँखों  में औरों  के सपनो  को आबाद  करो
खुद की  खातिर जो  जीते है उनको  ये मालूम नही 
अश्क  बहाए   जो  गैरों  पे  वो  प्यारा  भगवान को.....
धरती ..........
जिनके  हाथ  में  पतवारें  है  वो  ही  नाव  डुबाते  है,
किस पे हम एतबार करे यहाँ  सबके हाथ ही काले हैं 
देश  धर्म  के लिए भगत,आज़ाद, बोश  बन  जाओ,
कागज के  टुकड़ो की खातिर  मत बेचो  इमान को....
धरती ...........
कौम की खातिर मिटने वाले इतना याद सदा रखना 
मानवता से नही बड़ा कुछ ईश्वर अल्ला का कहना 
जेहादी  बन, खून बहाना   जिसने  ये  फ़रमाया  है
कहना उसे बदनाम करें ना, कुरान-ए-रहमान को....
धरती ...................