मंगलवार, 6 अगस्त 2013

कुछ तो रहम करो अब हमपर मत बाटो इंसान को.....



धरती  बाटा, अम्बर  बाटा, बाट  दिया  भगवान को,
कुछ तो रहम करो अब हमपर मत बाटो इंसान को.....

रिश्तो की कीमत को समझो यूँ ना इसे बरबाद करो 
अपनी  आँखों  में औरों  के सपनो  को आबाद  करो
खुद की  खातिर जो  जीते है उनको  ये मालूम नही 
अश्क  बहाए   जो  गैरों  पे  वो  प्यारा  भगवान को.....
धरती ..........
जिनके  हाथ  में  पतवारें  है  वो  ही  नाव  डुबाते  है,
किस पे हम एतबार करे यहाँ  सबके हाथ ही काले हैं 
देश  धर्म  के लिए भगत,आज़ाद, बोश  बन  जाओ,
कागज के  टुकड़ो की खातिर  मत बेचो  इमान को....
धरती ...........
कौम की खातिर मिटने वाले इतना याद सदा रखना 
मानवता से नही बड़ा कुछ ईश्वर अल्ला का कहना 
जेहादी  बन, खून बहाना   जिसने  ये  फ़रमाया  है
कहना उसे बदनाम करें ना, कुरान-ए-रहमान को....
धरती ...................


 ................................................अरविन्द राय 

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