हे ममतामयी माँ शारदे मुझे भक्ति प्रसाद का घूट पिला दे
शब्द के बंद से छन्द बना के करे अर्चना ऐसी शक्ति दिला दे
रहे अनुराग तेरे चरणों में ना भूलू कभी ऐसी प्रीती खिला दे
मै जड़ मुड़ अनाड़ी हूँ माँ उर में मेरे ज्ञान की ज्योति जला दे .............
.................अरविन्द राय
शब्द के बंद से छन्द बना के करे अर्चना ऐसी शक्ति दिला दे
रहे अनुराग तेरे चरणों में ना भूलू कभी ऐसी प्रीती खिला दे
मै जड़ मुड़ अनाड़ी हूँ माँ उर में मेरे ज्ञान की ज्योति जला दे .............
.................अरविन्द राय
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