सोमवार, 12 अगस्त 2013

देश सच में मेरा आज़ाद कहाँ हुआ अभी............!!


देश सच में मेरा आज़ाद कहाँ हुआ अभी............!!
मुगलों के बाद अंग्रेजों के गुलाम हुए
आक्रमणकारियों के हाथों गुलशन वीरान हुए
वीर शहीदों की चिताओं को जलाकर के 
गोरों से बचे तो अब कालों के गुलाम हुए 
कालों से आज़ादी का एलान कहाँ हुआ अभी ............!!
देश सच में ..............
"फूट डालो राज करो" नीति अंग्रेजो की थी 
दमनकारी नीति भी बनाई उन्ही गोरों ने थी 
खद्दर और खाकी भी उन्ही को अपना के चली 
जनता को दबाने वाली नीति अंग्रेजो की थी 
अंग्रेजो वाली निति का बिरोध कहाँ हुआ अभी .........!!
देश सच में .................
राजशाही टूटी लोकतंत्र का अवतार हुआ 
गुलशन में गुल नही सिर्फ खार खार हुआ 
राजनीती वोट की खिलाई गुल इस कदर 
सत्ता की खातिर हर रिश्ता तार तार हुआ 
जनतंत्र का यहाँ प्रसार कहाँ हुआ अभी ...........!!
देश सच में ....................
माली ही कुचलने लगा है मान कलियों का 
बहसी दरिंदों ने घटाया मान गलियों का
दामिनी और गुड़ियाँ की चीख गुजती फिजा में 
कहती है नर ने घटाया मान नारियों का 
गुड़ियाँ, दामिनी का इंसाफ कहाँ हुआ अभी................!!
देश सच में ............................

.......................................अरविन्द राय 

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