उनकी यादों के मौसम मेरे पास है चाहे वो पास मेरे रहे ना रहे
हम समझते है
उनको जरूरत मेरी चाहे वो अपने लब से कहें ना कहें
चादनी रात में
चाँद के साथ में एक तारा चमकता रहा रात भर
प्रेम पूजा
समर्पण है बलिदान है कुछ ना बोला इसी मर्म को जानकर
दूर ही से सही उनको देखा करें
चाहे तक़दीर में वो रहे न रहे .........!
रेत पर
नाम लिखना मिटाना तेरा वो मुझे देखकर मुश्कुराना तेरा
मुझसे मिलने की
खातिर कड़ी धूम में मेरे कोठे पे चुपके से आना तेरा
भूल सकते नही
प्यार की वो डगर चाहे मिलना मिलाना रहे ना रहे .......!
एक झोका हवा का
मेरे पास आ तेरी खुशबु से मुझको सताने लगा
मै अकेला
नही साथ तेरा भी है इसका एहसास मुझको कराने लगा
अपनी चाहत पे
रखना भरोसा सदा चाहे मीरा का मोहन रहे न रहे ......!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें