बुधवार, 25 मार्च 2015

दिल्ली की कहानी लोगो की जुबानी

दिल्ली की कहानी लोगो की जुबानी 
सन्नाटा चारो तरफ फैला हुआ  
खामोशी की चादर ओढ़े सारा शहर 
सो रहा है सुकून की नींद और  
लुट रही है कही किसी कोने में 
किसी अबला की इज्ज़त ...
दरिन्दे अपनी हवस की आग में 
लक्ष्मी और दुर्गा के प्रतिबिम्ब
 को कलुषित कर रहे है .......
 जैसे  आज फिर कौरवों का 
साम्राज्य स्थापित हो गया है 
हस्तिनापुर एक बार फिर 
अंधे धृत राष्ट्रों के हाथो की 
कठपुतली बन गया है 
एक बार फिर द्रोपती को 
निर्वस्त्र किया जा रहा है 
पांडव मूकदर्शक बने है 
कृष्ण कब आएगा और 
कब बचेगी द्रोपती की लाज ......
हर नारी कर रही है ये सवाल ....
कब होगा हस्तिनापुर में ...
धर्मराज का राज ........



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