आरक्षण की निति गलत है,
इसको हमे मिटाना है,
मानवता के लिए पुनह
मानवता को अपनाना है ,
जाती-पाती का भेद मिटाके
समता हमे बनाना है ,
राजनीती के परेदारो
देश प्रेम की बात करो,
फुट डालने की निति से ,
देश को मत बर्बाद करो ,
याद करो उन बीरो को
जो देश प्रेम के पथिक रहे
जिनकी क़ुरबानी को देख
अँगरेज़ भी चकित रहे
जाती-पाती का खेल खेलना
अब तो लोगो बंद करो
बिष बमन के दातो को
अब तो लोगो कूंद करो
बिन आरक्षण देश बनेगा
बिश्व गुरु मानवता का
जब यह देश समझ पायेगा
कीमत ज्ञान और योग्यता का.........
..............................
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें