आप के पहलू में आके हम दीवाने हो गए ..!!
प्यार के अलफ़ाज़ यारो अब फ़साने हो गए ...!!
गाँव में सुनता नहीं अब कोई माँ की लोरियां
लोग कहते है की वो किस्से पुराने हो गए ...!!
कल तलक उमीदों के साये हमारे सर पे थे
आज ऐसा क्या हुआ साये सयाने हो गए .....!!
चलना सिखा था पकड़कर के जिनकी उँगलियाँ
मेरे हाथों से ही वे अपने बेगाने हो गए ......!!
.............................. .. ....कवि अरविन्द राय
प्यार के अलफ़ाज़ यारो अब फ़साने हो गए ...!!
गाँव में सुनता नहीं अब कोई माँ की लोरियां
लोग कहते है की वो किस्से पुराने हो गए ...!!
कल तलक उमीदों के साये हमारे सर पे थे
आज ऐसा क्या हुआ साये सयाने हो गए .....!!
चलना सिखा था पकड़कर के जिनकी उँगलियाँ
मेरे हाथों से ही वे अपने बेगाने हो गए ......!!
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