गुरुवार, 11 जुलाई 2013

लम्हे सुहाने गर हमारे साथ हो न हों ......

लम्हे सुहाने गर हमारे साथ हो न हों 
पहले वाली चाहे कोई बात हो न हो 
प्यार तो तुम्हारा सदा दिल में रहेगा 
उम्र भर भी चाहे मुलाकात हो न हो 

कवि अरविन्द राय

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें