गुरुवार, 12 जून 2014

जिसको चाहा नही उसका होना पड़ा

 इस तरह से फ़ना मुझको होना पड़ा
लब पे मुस्कान थी दिल को रोना पड़ा
अपनी चाहत को कहना पड़ा अलविदा
जिसको चाहा नही उसका होना पड़ा

--------------------------अरविन्द राय 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें