कवि अरविन्द राय
मंगलवार, 13 मई 2014
क्या पता फिर कभी हम मिले ना मिले.......
मुझसे मिल के गले आज रो लीजिये
क्या पता फिर कभी हम मिले ना मिले.......!!
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